VARANASI : चिन्हित 101 से कम संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अंशकालिक अनुदेशकों का संविदा अनुमोदन समाप्त किए जाने के सम्बन्ध में सूची
उ0प्र0 शैक्षिक ( सामान्य शिक्षा संवर्ग ) समूह क श्रेणी के अधिकारियों की स्थानान्तरण सूची जारी, देखें
BALRAMPUR : शिक्षक पात्रता परीक्षा सत्यापन में फर्जी पाए गए 12 शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी
माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय अध्यापकों/ अध्यापिकाओं के लिए सत्र 2017 के लिए स्थानान्तरण/समायोजन के सम्बन्ध में आदेश जारी
उ0प्र0 बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में जनपद के भीतर स्थानान्तरण/समायोजन के सम्बन्ध में अध्यापकों का समस्त डाटा 01.07.17 तक अपलोड किए जाने के सम्बंध में कड़े निर्देश जारी
चार श्रेणी के राजकीय शिक्षकों को तबादलों में वरीयता: शासनादेश जारीऐसे तय होंगे गुणवत्ता अंक
चार श्रेणी के राजकीय शिक्षकों को तबादलों में वरीयता: शासनादेश जारी
ऐसे तय होंगे गुणवत्ता अंक
लखनऊ : राजकीय हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों के शिक्षकों का स्थानांतरण व समायोजन तीन चरणों में होगा और इसके लिए उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना होगा। शिक्षकों के तबादले के लिए जिला या तहसील मुख्यालय से
दूरी के आधार विद्यालयों को तीन जोन में बांटा जाएगा। तबादलों में चार श्रेणी के शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी। शिक्षकों की वरीयता गुणवत्ता अंक के आधार पर तय होगी।
शासन ने गुरुवार को राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की समायोजन/स्थानांतरण नीति, 2017 जारी कर दी है। कैबिनेट ने 22 जून को माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय शिक्षकों के तबादलों के लिए बनायी गई इस नीति पर मुहर लगायी थी।
ऐसे तय होंगे गुणवत्ता अंक
’दिव्यांग शिक्षकों के लिए दिव्यांगता के आधार पर 10 से 20 अंक ’
पति/पत्नी या बच्चों के अपंग होने या असाध्य रोग से ग्रस्त होने पर 10 अंक ’
राष्ट्रीय/राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों के लिए 10 अंक
विधवा/तलाकशुदा महिला शिक्षक के लिए 10 अंक
विधुर शिक्षक के लिए 10 अंक
महिला शिक्षक के लिए 10 अंक
जोन-3 में तैनात शिक्षको को प्रत्येक वर्ष की सेवा के लिए दो अंक और अधिकतम 10 अंक
जोन-2 में तैनात शिक्षकों को प्रत्येक वर्ष की सेवा पर एक अंक, अधिकतम 10 अंक
शिक्षक की आयु के अनुसार प्रत्येक वर्ष के लिए एक अंक, अधिकतम 58 अंक
साल की आयु पूरी करने वाले शिक्षकों का ऐच्छिक तबादला
गुणवत्ता अंक होंगे समायोजन व स्थानांतरण का आधार
आवास भत्ते में होगी है 33,000 तक की बढ़ोतरी, राज्य कर्मचारियों ने भी मांगे केंद्र जैसे भत्ते, अलग-अलग शहरों में अलग-अलग स्तरों पर आवासीय भत्तों की नई व पुरानी दर का चार्ट देखें
आवास भत्ते में होगी है 33,000 तक की बढ़ोतरी, राज्य कर्मचारियों ने भी मांगे केंद्र जैसे भत्ते
नई दिल्ली : आवास भत्तों में फेरबदल की वजह से 48 लाख केंद्रीय कर्मियों को हर महीने 11 सौ से लेकर 33 हजार रुपये तक ज्यादा मिलेंगे। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के मद्देनजर
संशोधित भत्ताें को मंजूरी दी थी। आवास भत्ताें में बढ़ोतरी का फायदा सिर्फ उन लोगों को ही मिलेगा, जो निजी निवास में रहते हैं यानी उन्होंने सरकारी आवास की सुविधा नहीं ले रखी है।
पहले की ही तरह इस बार भी आवास भत्ताें की दरों में फेरबदल महंगाई भत्ते की दरों के आधार पर होगा। लेकिन पिछली बार के फैसलों पर बाद में अमल नहीं हो पाया और आवास भत्ते की दर हमेशा एक ही बनी रही। एक और बात, शुरुआती स्तर पर आवास भत्ते की नई दर मौजूदा दर से कम है, लेकिन भत्ताें का आकलन जिस मूल वेतन पर होगा, वह ज्यादा है, लिहाजा लोगों को ज्यादा पैसा मिलेगा। आवास भत्ते की नई दर पहली जुलाई से लागू होगी।
राज्य कर्मचारियों ने भी मांगे केंद्र जैसे भत्ते
लखनऊ : केंद्रीय कर्मचारियों के भत्ते तय होने के साथ ही राज्य कर्मचारियों ने भी सातवें वेतनमान के अनुरूप अपने भत्ताें को संशोधित करने की मांग की है। नए मुख्य सचिव राजीव कुमार की नियुक्ति के बाद राज्य कर्मचारी अब उनके सामने अपनी मांगें व समस्याएं रखने की तैयारी कर रहे हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र ने महंगाई भत्ते को दो फीसद से बढ़ा कर चार फीसद करने और मकान किराया भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों के समान करने की मांग की है।
बेसिक के 66000 सरप्लस शिक्षक माध्यमिक में होंगे समायोजित, यह घोषणा उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने गुरुवार को रामपुर में की
शिक्षकों की तबादला नीति में आवेदन खत्म होने का समय, सॉफ्टवेयर तैयार नहींडाटा फीडिंग का कार्य 30 जून तक पूरा करने के निर्देशविभागीय अफसरों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि समायोजन के लिए शिक्षक अब कब से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंग
शिक्षकों की तबादला नीति में आवेदन खत्म होने का समय, सॉफ्टवेयर तैयार नहीं
डाटा फीडिंग का कार्य 30 जून तक पूरा करने के निर्देश
विभागीय अफसरों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि समायोजन के लिए शिक्षक अब कब से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंग
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की तबादला नीति का पहला चरण समय पर पूरा नहीं होगा। सूबे के तमाम जिलों में अब तक शिक्षकों की डाटा फीडिंग का काम पूरा नहीं हो सका है, सॉफ्टवेयर तैयार न होने के कारण शिक्षक 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन किसी भी दशा में नहीं कर सकेंगे। डाटा फीडिंग का कार्य 30
जून तक पूरा करने के निर्देशं दिये हैं।
परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की तबादला नीति शासन ने इसी माह जारी की है। इसमें समायोजन, जिले के अंदर और फिर दूसरे जिलों में तबादला होना है। इसमें हर कार्य का समय भी तय हुआ। तबादले के तीनों चरण का लाभ उन्हीं शिक्षकों को मिलना है जो ऑनलाइन आवेदन करेंगे। इसीलिए पिछले दो माह से शिक्षकों के विवरण की डाटा फीडिंग का काम जिलों में युद्धस्तर पर चल रहा था। तैयारी थी कि यह 22 जून तक पूरा हो जाएगा, लेकिन कई जिलों में कार्य अधूरा है। इससे सॉफ्टवेयर ही तैयार नहीं हो सका है और समायोजन के लिए आवेदन करने की समय सीमा 30 जून को खत्म हो रही है।
विभागीय अफसरों ने इस कार्य की समीक्षा में पाया कि 10 जून को कड़े निर्देश जारी करने के बाद भी अधिकांश जिलों में फीडिंग का कार्य पूरा नहीं हुआ है।1इस पर नाराजगी जताई गई साथ ही बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा ने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि इस कार्य को हर हाल में 30 जून तक पूरा करा लिया जाए। यह भी निर्देश दिया गया है कि फीडिंग में त्रुटियां न हो और उसका आधार शिक्षकों की सेवा पुस्तिका हो। विभागीय अफसरों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि समायोजन के लिए शिक्षक अब कब से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
अब उप्र लोकसेवा आयोग के सचिव भी हटे, बढ़ा उहापोह
अब उप्र लोकसेवा आयोग के सचिव भी हटे, बढ़ा उहापोह
इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग में परीक्षा नियंत्रक के तबादले के दूसरे ही दिन सचिव अटल कुमार राय का भी तबादला हो गया है। इस फेरबदल से आयोग को लेकर अटकलों का दौर तेज है। प्रतियोगी इसे सीबीआइ
जांच की दिशा में बढ़ा कदम मान रहे हैं, वहीं अफसर इसे रुटीन बदलाव करार दे रहे हैं। आयोग की नई परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण करने वाली हैं। माना जा रहा है कि सचिव उन्हें भी अपना कार्यभार सौंपकर नई तैनाती स्थल की ओर रवाना होंगे।
आयोग में नये सचिव की अभी तैनाती नहीं हुई है। वहीं, परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ को फिर उनके गृह मंडल गोरखपुर भेजा गया है, जबकि वह ‘क’ वर्ग के अफसर हैं। तबादला नीति के तहत उनका स्थानांतरण गृह मंडल में संभव नहीं है। दूसरी बार उसी जिले में स्थानांतरण व नई परीक्षा नियंत्रक आने के बाद उनका पद छोड़ना लगभग तय है।
सहायक प्रोफेसरों का संशोधित रिजल्ट जारी : उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने समाजशास्त्र विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर पद के घोषित संशोधित चयन परिणाम पर एक बार फिर आपत्ति होने पर पुन: चयन परिणाम संशोधित कर जारी किया है। इस संबंध में प्राप्त आपत्तियों पर पुनर्विचार के लिए आयोग ने बुधवार को बैठक की। जिसमें चयन परिणाम में संशोधन किया गया। आयोग के सचिव ने बताया कि समाजशास्त्र विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर का संशोधित चयन परिणाम आयोग के पोर्टल पर उपलब्ध है।
158 वरिष्ठ सहायक पदोन्नत : यूपी बोर्ड मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालय में तैनात 58 वरिष्ठ सहायकों को प्रधान सहायक के पद पर गुरुवार को पदोन्नत कर दिया गया है। असल में बोर्ड की पूर्व सचिव शैल यादव ने इसके लिए 28 जून की तारीख तय की थी, इसी बीच उनका तबादला हो गया।
कल से खुलेंगे विद्यालय, अब मिला यूनीफार्म का बजटसर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक ने जिलों को भेजा पैसादूसरे पखवारे में ही छात्र-छात्रओं को मिल सकेगी नई यूनीफार्म
कल से खुलेंगे विद्यालय, अब मिला यूनीफार्म का बजट
सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक ने जिलों को भेजा पैसा
दूसरे पखवारे में ही छात्र-छात्रओं को मिल सकेगी नई यूनीफार्म
इलाहाबाद : प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नया शैक्षिक सत्र अप्रैल में ही शुरू हो चुका है। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं को निश्शुल्क यूनीफार्म मुहैया कराने का शासनादेश भी बीते 11 मई को ही जारी हुआ लेकिन, सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने 28 जून को यूनीफार्म का बजट जिलों में
भेजा है। एक जुलाई को विद्यालय खुलने हैं ऐसे में यूनीफार्म के लिए छात्र-छात्रओं को इंतजार करना होगा। जिस तरह से बजट जारी होने में देर हुई है, उसे देखते हुए यूनीफार्म जुलाई के दूसरे पखवारे में ही उपलब्ध हो पाने के आसार हैं।
प्रदेश के राजकीय, परिषदीय व सहायता प्राप्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों और सहायता प्राप्त मदरसों में कक्षा एक से आठ तक की बालिकाओं, एससीएसटी व गरीबी रेखा के नीचे के बालकों को दो सेट निश्शुल्क यूनीफार्म मुहैया कराया जाना है। इसके लिए प्रति बच्चा 400 रुपये धन आवंटित किया गया है। बजट देर से जारी होने के कारण बच्चे पुरानी यूनीफार्म में दिखेंगे। राज्य परियोजना निदेशक वेदपति मिश्र ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी दशा में रेडीमेड यूनीफार्म नहीं खरीदी जाएगी। उसकी गुणवत्ता गड़बड़ होने पर अफसरों पर कार्रवाई होगी। विद्यालय प्रबंध समिति को उनके खाते में तीन दिन में धन पहुंचाने का निर्देश है। अफसरों की जिम्मेदारी भी तय की गई है।
परिषदीय विद्यालयों में किताबें भी अब तक पहुंच नहीं सकी हैं। बच्चों को पुरानी किताबों से ही शिक्षकों को पढ़ाना होगा। पुस्तकों की उपलब्धता भी जुलाई माह के दूसरे पखवारे में ही संभावित है।
माध्यमिक की कमी बेसिक करेगा पूरी,बेसिक स्कूलों में बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक चयनित हुए हैं, जो माध्यमिक में जाने की योग्यता रखत
माध्यमिक की कमी बेसिक करेगा पूरी
सूबे के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की संख्या अधिक है, वहीं माध्यमिक स्कूलों में शहर व आसपास को छोड़कर ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की बहुत कमी है। इधर हुई तमाम भर्तियों में बेसिक स्कूलों में बड़ी संख्या में ऐसे
शिक्षक चयनित हुए हैं, जो माध्यमिक में जाने की योग्यता रखते हैं। सरकार की मंशा है कि माध्यमिक की कमी बेसिक से ही पूरी कर दी जाए। इसके लिए नियम बनाने पर मंथन चल रहा है, ताकि शिक्षकों को आपत्ति न हों।
सभी तरह के शिक्षक चयन का एक आयोगबेसिक, माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा के राजकीय अशासकीय स्कूलों का मामलाउप्र बेसिक शिक्षा सेवा चयन से तौबा : प्राथमिक स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों की बड़ी संख्या के कारण चयन की अभी जरूरत ही नहीं एलटी ग्रेड भर्तियां चयन बोर्ड के हवाले : भर्तियां लिखित परीक्षा से कराने का निर्णय
सभी तरह के शिक्षक चयन का एक आयोग
बेसिक, माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा के राजकीय अशासकीय स्कूलों का मामला
उप्र बेसिक शिक्षा सेवा चयन से तौबा : प्राथमिक स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों की बड़ी संख्या के कारण चयन की अभी जरूरत ही नहीं
एलटी ग्रेड भर्तियां चयन बोर्ड के हवाले : भर्तियां लिखित परीक्षा से कराने का निर्णय
माध्यमिक कॉलेजों में शिक्षकों की कमी पूरी करने को बेसिक से प्रमोशन
इलाहाबाद : प्रदेश सरकार शिक्षकों के चयन का एक आयोग बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जिसमें बेसिक, माध्यमिक व उच्चतर शिक्षा में पढ़ाने वाले शिक्षक एक ही नियमावली के तहत चयनित हों। इस कदम से
राजकीय और अशासकीय विद्यालयों में शिक्षक चयन का बना भेद भी मिटेगा। साथ ही पारदर्शिता पर जोर देने से भ्रष्टाचार पर अंकुश रहेगा। सरकार की नई पहल से अतिरिक्त शिक्षक और कहीं शिक्षकों की कमी की भी नौबत नहीं आएगी।
सूबे में अभी तक प्राथमिक विद्यालयों के लिए बेसिक शिक्षा परिषद, बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से शिक्षकों का चयन होता आ रहा है। ऐसे ही माध्यमिक स्तर पर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र और मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक व उच्च शिक्षा में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उप्र और लोकसेवा आयोग उप्र नियुक्तियां कर रहा है। अलग-अलग नियुक्तियां होने से एक स्तर पर चयनित शिक्षकों की अर्हता भी अलग-अलग हैं। मसलन, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड परीक्षा व साक्षात्कार के जरिये अशासकीय कालेजों के शिक्षकों का चयन करता था। वहीं, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक राजकीय इंटर कॉलेजों में मेरिट के आधार पर शिक्षक चयनित कर रहे थे। इस मैराथन प्रक्रिया रोककर प्रदेश सरकार सभी तरह के शिक्षक चयन का एक आयोग बनाना चाहती है। इसके लिए अभी तक शिक्षक चयन करने वाली संस्थाओं से राय मांगी गई है।
यह भी तैयारी है कि पहले से बनी संस्थाओं को खत्म न करके उनका विलय कराया जाए, ताकि युवाओं में भर्तियों को लेकर कोई असमंजस न रहे और न ही पुरातन संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी अपने को असुरक्षित महसूस करें।
उप्र बेसिक शिक्षा सेवा चयन से तौबा : सरकार ने पहले प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक चयन के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड बनाने की योजना बनाई थी लेकिन, बाद में इसी मंशा के तहत उससे किनारा कर लिया गया। सूबे के प्राथमिक स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों की बड़ी संख्या सामने आई है उससे वहां चयन की अभी जरूरत ही नहीं है।
एलटी ग्रेड भर्तियां चयन बोर्ड के हवाले : सपा सरकार ने राजकीय इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए नियमावली में बदलाव करके माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक की अगुआई में कमेटी गठित की थी। 9342 पदों पर मेरिट के आधार पर चयन के लिए आवेदन भी मांगे गए। नई सरकार ने यह भर्तियां लिखित परीक्षा से कराने का निर्णय लिया है और भर्तियां माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को सौंपने की योजना है।
माध्यमिक कॉलेजों में शिक्षकों की कमी पूरी करने को बेसिक से प्रमोशन
सूबे के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की संख्या अधिक है, वहीं माध्यमिक स्कूलों में शहर व आसपास को छोड़कर ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की बहुत कमी है। इधर हुई तमाम भर्तियों में बेसिक स्कूलों में बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक चयनित हुए हैं, जो माध्यमिक में जाने की योग्यता रखते हैं। सरकार की मंशा है कि माध्यमिक की कमी बेसिक से ही पूरी कर दी जाए। इसके लिए नियम बनाने पर मंथन चल रहा है, ताकि शिक्षकों को आपत्ति न हों।
स्नातक विषयों की बाध्यता के बिना कीजिए पीजी
स्नातक विषयों की बाध्यता के बिना कीजिए पीजी
इलाहाबाद : एमए एवं एम कॉम में दाखिले के लिए स्नातक विषयों की बाध्यता नहीं रहेगी। इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय ने इस दिशा में एक नई पहल की है। यहां से संचालित पांच प्रमुख विषयों में पीजी में दाखिले किसी भी विषय में स्नातक दाखिला के छात्र ले सकते हैं। इन पाठ्यक्रमों में यहां पर प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। इच्छुक
अभ्यर्थी 30 जून तक पंजीकरण करा सकते हैं। यहां पर हंिदूी, प्राचीन इतिहास, एमएसडब्लू, समाजशास्त्र और राजनीतिशास्त्र है।
कला संकाय के प्रमुख विषयों में दाखिले के लिए इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय में विषयों की बाध्यता नहीं रहेगी। नॉन सब्जेक्ट से एमए करने वालों के लिए यहां विषयों की कोई बाध्यता नहीं होगी। कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि वर्तमान में विश्वविद्यालय मुख्य परिसर एवं संबद्ध महाविद्यालयों में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है। अभ्यर्थी स्नातक के साथ परास्नातक विषयों में दाखिला ले सकते हैं। पीजी में दाखिले के लिए तीन वर्ष के भीतर स्नातक परीक्षा पास होना जरूरी है। यानी वर्तमान से से दो सत्र पूर्व स्नातक पास पास छात्र ही परास्नातक कक्षाओं में दाखिला ले पाएंगे।
प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि पीजी स्तर पर दाखिले के लिए विशेष नॉनसब्जेक्ट स्तर पर दाखिले के लिए भी समान्य प्रक्रिया के अंतर्गत होंगे। छात्र विषय एवं नियमों की जानकारी वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत उपलब्ध करायी जाने वाली निःशुल्क यूनिफॉर्म हेतु धनराशि हस्तांतरण के सम्बंध में आदेश तथा जिलेवार आवंटित धनराशि का ब्यौरा भी देखें
गोरखपुर : आरटीई के दायरे में हो शिक्षकों का समायोजन,जूनियर हाइस्कूल शिक्षक संघ में मुख्यमंत्री से संबंधित ज्ञापन डी एम को सौपा
ALLAHABAD:विद्यालयों के शून्य रिजल्ट भी रोकेगा आधार 🎯आधार अनिवार्य करने से फर्जीवाड़े पर पूरी तरह से विराम लगना लगभग तय
ALLAHABAD:सरकार बदली लेकिन आयोग का ढर्रा पुराना 🎯अनिल यादव के ढाई बरस के कार्यकाल में जो नियम बदले वह आज भी हैं लागू
बलिया : डीआइओएस बर्खास्त, शासन ने हाईकोर्ट में दी जानकारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक रमेश सिंह को बर्खास्त कर दिया है। शासन के प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा की तरफ से यह जानकारी बुधवार को हाईकोर्ट को दी गई। बलिया के रविशंकर सिंह की जनहित याचिका पर आदेश पारित कर कोर्ट ने याचिका को अब औचित्यहीन बताते हुए खारिज कर दिया। वहीं रमेश सिंह ने अपने बर्खास्तगी आदेश को कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। 1रमेश सिंह पर आरोप था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में सैकड़ों अध्यापकों की फर्जी नियुक्ति की और शासन से उनका भुगतान कराया। याचिकाकर्ता ने कहा था कि डीआइओएस रमेश सिंह ने आयोग से बर्खास्तगी का अनुमोदन दो जून को मिल जाने के बाद भी सौ शिक्षकों की नियुक्ति गलत तरीके से की। कोर्ट ने रिकार्ड तलब कर देखा लेकिन, ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला। बुधवार को इस केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस सुधीर अग्रवाल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया कि चूंकि डीआइओएस रमेश सिंह बर्खास्त हो गए हैं इसलिए याचिका पर आगे सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है। उधर, बर्खास्तगी आदेश की जानकारी हाईकोर्ट में दिए जाने के बाद डीआइओएस रमेश सिंह ने कहा कि वह अपने बर्खास्तगी आदेश को कोर्ट में चुनौती देंगे, क्योंकि उन्हें गलत तरीके से शासन पर दबाव बनाकर सेवा से बर्खास्त किया गया