68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा की वीडियो कांफ्रेंसिंग पांच को
68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा की वीडियो कांफ्रेंसिंग पांच को
परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा को लेकर शासन भी खासा गंभीर है। इस परीक्षा की तैयारियों को लेकर पांच मार्च को शाम साढ़े चार बजे अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे। अफसरों को परीक्षा में नकल रोकने के कड़े निर्देश दिए जाएंगे और अब तक तैयारियों का हाल भी पूछा जाएगा। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती की पहली बार लिखित परीक्षा 12 मार्च को होनी है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन, केंद्र निर्धारण हो चुका है, जबकि प्रवेशपत्र का वितरण कराया जा रहा है। अब परीक्षा तैयारियों पर सभी ने ध्यान केंद्रित किया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने बताया कि अपर मुख्य सचिव की वीडियो कांफ्रेंसिंग की सूचना सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित शिक्षा महकमे के अफसरों को भेज दी गई है। इसका एजेंडा भी तय कर लिया गया है।
राज्य कर्मचारियों को आज जारी होगा वेतन, होली के त्योहार को देखते हुए जारी हुआ आदेश
राज्य कर्मचारियों को आज जारी होगा वेतन, होली के त्योहार को देखते हुए जारी हुआ आदेश
लखनऊ : होली के त्योहार को देखते हुए सरकार ने सचिवालय कर्मचारियों के साथ राज्यकर्मियों, सहायताप्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों और कार्य प्रभारित कर्मचारियों को बुधवार को ही फरवरी के वेतन का भुगतान करने का आदेश जारी कर दिया है। हालांकि पेंशन भुगतान का आदेश न होने से नाराज पेंशनधारकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बुधवार को ही यह आदेश जारी करने की मांग की है।1होली से पहले कर्मचारियों को वेतन के भुगतान के लिए वित्त विभाग की ओर से मंगलवार को इस बारे में सभी जिलाधिकारियों, मुख्य व वरिष्ठ कोषाधिकारियों और समस्त विभागों को जारी शासनादेश में कहा गया है कि एक मार्च को होलिका दहन और दो मार्च को होली का पर्व है। इसलिए कर्मचारियों को फरवरी माह के वेतन का भुगतान 28 फरवरी को हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। 1सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने पर्व से पहले वेतन दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया है। दूसरी तरफ सचिवालय पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव एनपी त्रिपाठी ने वेतन की तरह सेवानिवृत्त कार्मिकों को पर्व से पहले पेंशन न दिए जाने को अन्याय करार दिया है। त्रिपाठी ने बुधवार को ही आदेश जारी कर पेंशनधारकों के खाते में रकम पहुंचाने की मांग की है।
पुनर्गठन न होने से फंसी 20 हजार भर्तियां
पुनर्गठन न होने से फंसी 20 हजार भर्तियां
इलाहाबाद : योगी सरकार ने प्रदेश के तीन भर्ती आयोगों को पुनर्गठित करने को आवेदन लिए। उसमें अधीनस्थ सेवा आयोग चल पड़ा है। उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग भी आगे बढ़ने की तैयारी में है। वहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में नए अध्यक्ष व सदस्यों के चयन की गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही है। खास बात यह है कि उच्चतर व माध्यमिक के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया साथ चली लेकिन, चयन बोर्ड को अफसरों ने हाशिए पर रखा है।
शासन ने चयन बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्य पदों के मिले आवेदनों की छंटनी और उनके संबंध में शिक्षा निदेशालय से गोपनीय आख्या तक मंगा चुका है। यही नहीं तय पदों के सापेक्ष नाम भी चिह्न्ति हो चुके हैं, इसके बाद भी अंतिम बैठक करके पुनर्गठन नहीं हो रहा है। इसके लिए प्रतियोगी पिछले कई महीने से निरंतर आंदोलन कर रहे हैं और कई बार कानून व्यवस्था बिगड़ने तक की नौबत आ गई। अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल अब तक कई बार प्रतियोगियों को पुनर्गठन की तारीखें दी जा चुकी है लेकिन, एक भी सही साबित नहीं हुई हैं। अब होली बाद फिर आंदोलन बड़े पैमाने पर होना है।1चयन बोर्ड से अशासकीय माध्यमिक कालेजों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, एलटी ग्रेड शिक्षकों का चयन होता है। इधर के वर्षो में केवल 2013 की भर्ती ही किसी तरह पूरी हो सकी है। 2011 के परीक्षा परिणाम और साक्षात्कार लंबित हैं, जबकि 2016 की लिखित परीक्षा नई टीम ही कराएगा। प्रधानाचार्यो का चयन यहां लंबे समय से नहीं हो सका है। करीब 20 हजार भर्तियां पुनर्गठन के फेर में फंसी हैं। चयन बोर्ड सूत्रों की मानें तो इसमें से 12720 पद विज्ञापित हो चुके हैं और ढाई हजार से अधिक अधियाचन आ चुके हैं। यह अधियाचन उन कालेजों ने भेजे हैं, जहां पर शिक्षकों की बेहद कमी है। चयन बोर्ड गठित होने के बाद तेजी से अधियाचन आना तय है। यही नहीं मार्च में अभी और शिक्षक सेवानिवृत्त होंगे। शासन की अनदेखी से हर कोई दंग है, क्योंकि उप मुख्यमंत्री व बड़े अफसर जहां एक ओर यह दावा कर रहे हैं कि नए सत्र में पठन-पाठन पर विशेष जोर रहेगा, वहीं अशासकीय माध्यमिक कालेजों के खाली पदों की ओर किसी का ध्यान नहीं है। नया सत्र शुरू होने में एक माह का समय बचा है। ऐसे में बिना शिक्षकों के पढ़ाई कैसे बेहतर हो सकेगी।
विशेषज्ञों के सवाल से छूट रहे हैं पसीने, नंबरों से छेड़छाड़ कर साफ्टवेयर बदलने का भी पता लगा ले रहे सीबीआइ के फोरेंसिक एक्सपर्ट
विशेषज्ञों के सवाल से छूट रहे हैं पसीने, नंबरों से छेड़छाड़ कर साफ्टवेयर बदलने का भी पता लगा ले रहे सीबीआइ के फोरेंसिक एक्सपर्ट
इलाहाबाद : भर्तियों की जांच कर रही सीबीआइ के फोरेंसिक विशेषज्ञों से उप्र लोकसेवा आयोग को पसीने छूटने लगे हैं। जांच शुरू करने से पहले ही सीबीआइ को इस बात का आभास हो गया था कि कंप्यूटरों में परीक्षाओं से संबंधित डाटा से छेड़छाड़ हुई होगी। टीम ने इसीलिए शुरुआती जांच प्रक्रिया फोरेंसिक विशेषज्ञों को साथ लेकर शुरू की। विशेषज्ञों के प्रशिक्षण और उनकी ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले अत्याधुनिक साफ्टवेयर से ही घबराकर आयोग का रुख असहयोगात्मक है। 1सीबीआइ की फोरेंसिक टीम में देश के कई ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि इन वैज्ञानिकों की टीम कंप्यूटर में किसी भी तरह के साफ्टवेयर की अदला बदली की जानकारी अविलंब प्राप्त कर लेती है। टीम के पास जो साफ्टवेयर हैं उससे यह भी पता लग जाता है कि कंप्यूटर जिस स्थान पर रखा है वहां कब रखा गया था। इसके अलावा फोरेंसिक वैज्ञानिकों का दल यह पता लगाने में दक्ष है कि कंप्यूटर में नंबरों की अदला बदली कब और कैसे हुई। जैसे किसी अभ्यर्थी को परीक्षा में पहले 100 नंबर दिया गया। डिलीट कर उसका नंबर 80 किया गया और पुन: किसी अधिकारी के निर्णय पर 80 नंबर को भी 60 कर दिया गया। इसके बाद राज दफन करने को साफ्टवेयर ही बदल दिया गया। यानी वर्तमान में उस नए साफ्टवेयर के चलते कंप्यूटर स्क्रीन पर अभ्यर्थी के 60 नंबर ही दिखेंगे। जबकि फोरेंसिक टीम जब विशेष साफ्टवेयर के जरिए पुराने साफ्टवेयर का पता लगाकर उसके रिकार्ड खंगाल रही है तो अभ्यर्थी के पुराने यानी 100 और इसके बाद 80 नंबर भी दिख रहे हैं। यह नंबर बार-बार क्यों बदले गए, सीबीआइ के यह पूछने पर आयोग के कंप्यूटर विशेषज्ञों या किसी अन्य के पास जवाब नहीं है।1राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग से पांच साल के दौरान हुई भर्तियों में केवल उन्हीं का उत्पीड़न नहीं हुआ जिन्हें विभिन्न परीक्षाओं में चयन से बाहर होना पड़ा बल्कि, सरकारी सेवाओं के लिए चयनित हो चुके लोग भी पीड़ित हैं। मंगलवार को यह स्थिति तब सामने आई जब सीबीआइ के कैंप कार्यालय पर आरओ-एआरओ परीक्षा 2013 में चयनित दो लोग भी अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंचे।1इलाहाबाद के गोविंदपुर में सीबीआइ के कैंप कार्यालय पर दो चयनित पहुंचे। इनका चयन आयोग की 2013 में समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा से हुआ था। इनमें एक की शिकायत थी कि परीक्षा में उसके 12 अंक काट लिए गए। जिससे समीक्षा अधिकारी के पद पर न होकर उसका चयन मलेरिया इंस्पेक्टर के पद पर हुआ। वहीं एक दिव्यांग ने बताया कि उसका चयन बाट माप निरीक्षक पद पर हुआ। यदि पूरे नंबर मिले होते तो उसका चयन समीक्षा अधिकारी राजस्व के पद पर होता। लोअर सबॉर्डिनेट 2009, पीसीएस 2015 से चयनित कुछ शिकायतकर्ता पहुंचे। इनकी शिकायत स्केलिंग को लेकर थी। इन सभी ने अपने शिकायतीपत्र में अपने अंक के साथ समान अंक पर स्केलिंग की आड़ में अधिक अंक पाने वाले उच्च पद प्राप्त चयनितों का अंक पत्र भी संलग्न किया है। चयनितों की ओर से सीबीआइ को गोपनीय जानकारी भी दी गई है जिसके आधार पर आयोग के भ्रष्टाचार को उजागर करने में सीबीआइ को मदद मिलेगी।
भर्ती का पहला विज्ञापन 10 मार्च से पहले, व्यायाम प्रशिक्षक व क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पदों पर होंगी भर्तियां
भर्ती का पहला विज्ञापन 10 मार्च से पहले, व्यायाम प्रशिक्षक व क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के पदों पर होंगी भर्तियां
लखनऊ : उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती का पहला विज्ञापन 10 मार्च से पहले जारी करेगा। इसमें क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी के 652 व व्यायाम प्रशिक्षक के 42 पद शामिल हैं। कुल मिलाकर 694 पदों के लिए यह विज्ञापन जारी होगा। साथ ही ग्राम विकास अधिकारियों के 3133 पद व कनिष्ठ सहायकों के 5128 पदों के लिए फिर से साक्षात्कार होंगे। 1यह फैसला अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की मंगलवार को हुई बैठक में लिया गया। आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने बताया कि जितनी भी भर्तियां रुकी हैं उन्हें तत्काल आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि भर्ती का पहला विज्ञापन 10 मार्च से पहले जारी कर दिया जाएगा। ग्राम विकास अधिकारियों के 3133 पदों की भर्ती के लिए साक्षात्कार सपा सरकार के समय हुए थे। इसमें 16070 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना था लेकिन 3300 के ही साक्षात्कार हो सके थे। ऐसे में 12770 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार ही नहीं हुआ था। आयोग ने वीडीओ के पद के लिए फिर से साक्षात्कार करने का निर्णय लिया है। इसमें सभी 16070 अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा। यह साक्षात्कार 28 मार्च से शुरू होकर तीन महीने तक चलेंगे। इसी प्रकार कनिष्ठ सहायक के 5128 पदों के लिए भी सपा सरकार के समय नौ हजार अभ्यर्थियों के साक्षात्कार हुए थे। जबकि इसमें भी 12525 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार होने थे। आयोग ने इनमें भी सभी अभ्यर्थियों के फिर से साक्षात्कार करने का निर्णय लिया है। कनिष्ठ सहायक के इन पदों के लिए पहले उन अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा जिनका पिछले बार साक्षात्कार नहीं हुआ था। इसके बाद उन अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा जिनका साक्षात्कार हो चुका है। यह साक्षात्कार वीडीओ पद के साक्षात्कार के बाद होगा।
सीधी भर्ती से चयन प्रक्रिया पर दाखिल होगी याचिका, न्यायालय के आदेश के उल्लंघन का आरोप, भर्ती पर रोक लगाने की मांग
सीधी भर्ती से चयन प्रक्रिया पर दाखिल होगी याचिका, न्यायालय के आदेश के उल्लंघन का आरोप, भर्ती पर रोक लगाने की मांग
इलाहाबाद : सीधी भर्ती से होने वाले चयन पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के बावजूद उप्र लोकसेवा आयोग पर कोई असर नहीं हुआ है। कई साल से आयोग सीधी भर्ती से विभिन्न विभागों में अभ्यर्थियों का चयन कर रहा है। इंटर कालेजों में प्रवक्ता सहित अन्य विभागों में हजारों अभ्यर्थियों के चयन इसी प्रक्रिया को अपनाते हुए किए गए। आयोग की इस मनमानी पर प्रतियोगियों में नाराजगी बढ़ी है और जताए जा रहे हैं कि इस पर प्रतियोगियों की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की जा सकती है।1यूपीपीएससी से हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर इलाहाबाद में प्रतियोगियों ने जब आंदोलन शुरू किया था तब से ही सीधी भर्ती पर भी अंगुलियां उठी थी। सपा शासन काल के पांच साल में आयोग से सीधी भर्ती के तहत हजारों अभ्यर्थियों के चयन किए गए। इस प्रक्रिया में किसी विभाग से अधियाचन मिलने पर भर्ती लिखित परीक्षा के आधार पर नहीं बल्कि केवल साक्षात्कार के आधार पर होती है। जबकि प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का दावा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने अजय हाशिया बनाम खालिद सेहरावर्दी 1981 (एक) एसएससी, प्रवीण सिंह बनाम स्टेट ऑफ पंजाब एआइआर 2001 एससी 158, आइ सीएआर बनाम सुंदरराजन 2011 (छह) एसएससी 605 में आदेश दे रखा है कि सीधी भर्ती से चयन का आधार केवल साक्षात्कार नहीं हो सकता। बताया कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का आयोग लगातार उल्लंघन कर रहा है। इससे पहले दो बार आयोग से मांग रखी जा चुकी है कि सीधी भर्ती से होने वाली चयन प्रक्रिया पर रोक लगाए। जबकि आयोग में यह सिलसिला जारी है। 1मंगलवार को भी आयोग के सचिव के नाम पत्र भेजकर मांग की है कि सीधी भर्ती से होने वाली चयन प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। कहा है कि शीर्ष न्यायालय के आदेश का अवलोकन कर सीधी भर्ती की प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए शासन से अनुशंसा करें। नहीं तो एक सप्ताह बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। वहीं, आयोग के सचिव जगदीश का कहना है कि सीधी भर्ती के संबंध में शासन जो निर्देश देगा उसके अनुसार अमल किया जाएगा।
सहायक अध्यापक भर्ती का एडमिट कार्ड जारी परीक्षा की तैयारी 68500 सहायक अध्यापक भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा 12 मार्च को रजिस्ट्रेशन नंबर व जन्मतिथि दर्ज कर अभ्यर्थी करें डाउनलोड
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सहायक अध्यापक भर्ती का एडमिट कार्ड जारी
परीक्षा की तैयारी
68500 सहायक अध्यापक भर्ती 2018 की लिखित परीक्षा 12 मार्च को
रजिस्ट्रेशन नंबर व जन्मतिथि दर्ज कर अभ्यर्थी करें डाउनलोड
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती 2018 के एडमिट कार्ड सोमवार को वेबसाइट पर अपलोड हो गए हैं। अभ्यर्थी वेबसाइट 666.4स्रङ्गं2्रङ्घी4िङ्गं1.ि¬5.्रल्ल पर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर व जन्मतिथि दर्ज कर उसे आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। इसकी लिखित परीक्षा 12 मार्च को प्रदेश भर के मंडल मुख्यालयों पर बने 358 केंद्रों पर होगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती की लिखित परीक्षा पहली बार होनी है। इसके लिए सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने परीक्षा केंद्र व परीक्षार्थियों की सूची पिछले दिनों एनआइसी को भेज दी थी। ज्ञात हो कि इस परीक्षा में एक लाख 20 हजार 846 परीक्षार्थी शामिल होंगे।
सहायक शिक्षक 2018 की भर्ती में आवेदन पत्रों की जांच में 4092 अभ्यर्थियों के आवेदन अलग-अलग वजहों से निरस्त
4092 अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त
राब्यू, इलाहाबाद : सहायक शिक्षक 2018 की भर्ती में आवेदन पत्रों की जांच में 4092 अभ्यर्थियों के आवेदन अलग-अलग वजहों से निरस्त किए जा चुके हैं। शेष सभी को केंद्रों के आवंटन का कार्य पूरा कर लिया गया है। सचिव डा. सुत्ता सिंह ने बताया कि सोमवार दोपहर बाद से एडमिट कार्ड वेबसाइट से डाउनलोड होना शुरू हो गए हैं। अभ्यर्थी अपना पंजीकरण नंबर व जन्मतिथि दर्ज कर उसे हासिल कर सकते हैं। अभ्यर्थियों को किसी अन्य माध्यम से प्रवेशपत्र भेजा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि 12 मार्च को सुबह 10 से मध्यान्ह एक बजे तक होने वाली लिखित परीक्षा में हर अभ्यर्थी को ऑनलाइन आवेदन में अंकित आधार कार्ड की मूल प्रति के साथ ही प्रशिक्षण योग्यता प्रमाणपत्र, प्रशिक्षण योग्यता के अंतिम सेमेस्टर की निर्गत अंकपत्र की मूल प्रति या फिर उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा व केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र में से कोई एक लाना अनिवार्य है। इसके बिना परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बिना वैध प्रमाण पत्रों के नही दे पाएंगे परीक्षा, 68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के लिये निर्देश जारी
68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा हेतु अपना प्रवेश पत्र यहां से डाउनलोड करें, CLICK HERE TO DOWNLOAD ADMIT CARD ASSISTANT TEACHERS RECRUITMENT EXAM
> परीक्षा हेतु प्रवेश-पत्र प्रिंट करें Download Admit Card
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(सिर्फ उन अभ्यर्थियों हेतु जिन्होंने संशोधन न किया हो )
>. अपना भरा हुआ आवेदन पत्र प्रिंट करें
(सिर्फ उन अभ्यर्थियों हेतु जिन्होंने संशोधन न किया हो )
>. अपना भरा हुआ संशोधित आवेदन पत्र प्रिंट करें
(सिर्फ उन अभ्यर्थियों हेतु जिन्होंने संशोधन किया हो )
>. HELPLINE
इलाहाबाद: परिषदीय शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन से अंशदान कटौती के सम्बन्ध में वित्त नियंत्रक ने दिए आदेश।
इलाहाबाद: अंतर जिला तबादले को 37500 दावेदार प्रक्रिया, काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी। 🎯अब बेसिक शिक्षा अधिकारी ऑनलाइन आवेदनों का सत्यापन करके इसी सप्ताह में परिषद मुख्यालय को रिपोर्ट भेजेंगे। 🎯सीतापुर से सर्वाधिक आवेदन, गोंडा, लखीमपुर खीरी, श्रवस्ती से भी भरमार। 🎯लखनऊ, कानपुर, मेरठ, गाजियाबाद जैसे जिलों में जाना चाहते अधिकांश।
अंतर जिला तबादले को 37500 दावेदार
प्रक्रिया, काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी।
🎯अब बेसिक शिक्षा अधिकारी ऑनलाइन आवेदनों का सत्यापन करके इसी सप्ताह में परिषद मुख्यालय को रिपोर्ट भेजेंगे।
🎯सीतापुर से सर्वाधिक आवेदन, गोंडा, लखीमपुर खीरी, श्रवस्ती से भी भरमार।
🎯लखनऊ, कानपुर, मेरठ, गाजियाबाद जैसे जिलों में जाना चाहते अधिकांश।
राब्यू, इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की अंतर जिला तबादले के लिए काउंसिलिंग पूरी हो चुकी है। अब बेसिक शिक्षा अधिकारी ऑनलाइन आवेदनों का सत्यापन करके इसी सप्ताह में परिषद मुख्यालय को रिपोर्ट भेजेंगे। शिक्षिकाओं को पांच साल की सेवा से छूट मिलने के बाद आवेदनों की संख्या बढ़कर 37500 हो गई है। इसमें सबसे अधिक सीतापुर जिले से दो हजार आवेदन हुए हैं। वहीं, लखनऊ, कानपुर, मेरठ, गाजियाबाद जैसे जिलों में जाने के लिए मारामारी मची है। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की अंतर जिला तबादले की जनवरी से चल रही है। पहले 16 से 29 जनवरी तक उन शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन किया जो पांच साल की सेवा पूरी कर चुके हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर शासन ने शिक्षिकाओं को अपने पति के निवास स्थान या फिर ससुराल वाले जिले में जाने के लिए पांच साल की सेवा अवधि से छूट दी है। यह आवेदन नौ से 15 फरवरी तक लिए गए। बीते 17 व 18 फरवरी को जिला मुख्यालयों पर बीएसए ने दावेदार शिक्षकों की काउंसिलिंग कराई है। इसी बीच यूपी डेस्को ने कुल आवेदकों की संख्या घोषित की है। कहा गया है कि 37500 शिक्षकों के आवेदनों में से सीतापुर से दो हजार, लखनऊ से 58, वाराणसी से 103, आगरा से 258, मेरठ से 88, जौनपुर से 469, गोरखपुर से 297, इलाहाबाद से 400 आदि आवेदन हुए हैं। अधिकांश शिक्षक वीआइपी या फिर उन जिलों में जाना चाहते हैं जहां पहले से शिक्षक अधिक हैं। बीएसए को निर्देश है कि वह जिन शिक्षकों का आवेदन निरस्त करें उसमें स्पष्ट कारण लिखा जाए। सत्यापन का कार्य 23 फरवरी तक पूरा होना है। तबादले की अंतिम सूची परिषद मुख्यालय होली व यूपी बोर्ड परीक्षाओं के बाद जारी करेगा। रिक्तियों को लेकर असमंजस: परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने अंतर जिला तबादले के लिए बड़ी संख्या में आवेदन जरूर किया है लेकिन, रिक्तियों को लेकर असमंजस है। परिषद ने पहले 47 हजार प्रदेश भर में पद खाली होना बताया था और उनमें से 25 फीसदी पदों यानि करीब 12 हजार तबादले होने थे। बाद में शिक्षिकाओं ने आवेदन किए। हालांकि कोर्ट ने शिक्षिकाओं के आवेदन लेने का निर्देश देते समय कहा था कि तबादले 25 फीसदी ही हों लेकिन, शासन ने आदेश में रिक्त पद के सापेक्ष तबादले के आवेदन लेने का निर्देश दिया।
इलाहाबाद: शिक्षकों के पद रिक्त होने से नए सत्र में मा विद्यालयों में पढ़ाई का संकट गहराया, प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली।
शिक्षकों के पद रिक्त होने से नए सत्र में मा विद्यालयों में पढ़ाई का संकट गहराया, प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली
इलाहाबाद। योगी सरकार को नए शैक्षिक सत्र में फिर एक परीक्षा से गुजरना होगा। राजकीय और अशासकीय कालेजों में शिक्षकों के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं, ऐसे में छात्र-छात्रओं की पढ़ाई कैसे होगी यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। इसी बीच सरकार एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम से किताबों का इंतजाम कर रही है लेकिन, उन्हें पढ़ाने वालों की व्यवस्था पर कोई गंभीर नहीं है। केवल नए-नए प्रयोग करने की तैयारी जरूर है। प्रदेश के माध्यमिक कालेजों का नया शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से शुरू होना है। होली की छुट्टियां निकाल दें तो इसमें अब एक माह का समय बचा है। इसके बाद भी सरकार इन कालेजों पढ़ाई कराने के पुख्ता इंतजाम नहीं कर सकी है। इस बार का शैक्षिक पिछले वर्षो की अपेक्षा अलग होगा, क्योंकि शिक्षक व छात्र दोनों को नए सेलेबस और पढ़ाई से दो-चार होना पड़ेगा।
📢राजकीय में दस हजार पद रिक्त : प्रदेश के राजकीय कालेजों में दस हजार एलटी ग्रेड शिक्षक के पद एक साल से खाली पड़े हैं। 2016 में ही इन पदों को भरने का विज्ञापन निकला था लेकिन, सरकार ने उस प्रक्रिया को निरस्त करके और मार्च में खाली और पदों को जोड़कर उप्र लोकसेवा आयोग भर्ती के लिए भेजा है। आयोग ने इसकी लिखित परीक्षा छह मई को कराने का कार्यक्रम जारी किया है। अब तक आवेदन शुरू नहीं हुए हैं। यदि तय समय पर भी परीक्षा हुई तो जुलाई से पहले कालेजों को शिक्षक नहीं मिलेंगे।
📢मॉडल कालेजों को कब मिलेंगे शिक्षक : सरकार ने प्रदेश के 17 मंडलों के जिलों में 125 मॉडल कालेज खोलने का आदेश दिया है। हर कालेज में दस प्रवक्ता तैनात होंगे। इनका अब तक अधियाचन शिक्षा निदेशालय से आयोग को भेजा नहीं गया है। यदि राजकीय कालेजों के प्रवक्ता इन कालेजों में जाएंगे तो पहले से संचालित कालेजों में पढ़ाई प्रभावित होगी। पहले से इन कालेजों में प्रवक्ता कम हैं और 1250 प्रवक्ता और कम हो जाएंगे।
📢अशासकीय कालेजों का पुरसाहाल नहीं : अशासकीय माध्यमिक कालेजों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व एलटी ग्रेड शिक्षकों का चयन करने वाले माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का अब तक गठन नहीं हुआ है। यदि जल्द गठन हो जाता है तब भी 2011 भर्ती के शिक्षकों का साक्षात्कार व 2016 की लिखित परीक्षा व इंटरव्यू कराने में ही कई माह लगेंगे। इन भर्तियों की ही करीब दस हजार से अधिक संख्या है। वहीं करीब चार हजार से अधिक नए अधियाचन चयन बोर्ड पहुंच चुके हैं। प्रधानाचार्यो की तैनाती यहां कई वर्षो से नहीं हो सकी है।
📢अंग्रेजी माध्यम स्कूल बढ़ाएंगे सिरदर्द : प्राथमिक की तर्ज पर माध्यमिक राजकीय कालेजों को भी अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने पर मंथन चल रहा है। इसके लिए सुझाव मांगे गए हैं लेकिन, शिक्षकों की पहले से संकट है ऐसे में यदि अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जाते हैं तो वहां पर पढ़ाएगा कौन?।