इलाहाबाद: टीईटी 2017 में अचयनित शिक्षामित्रों की याचिका पर सुनवाई दो अप्रैल को 🎯ओएमआर शीट में गलत प्रविष्टियां भरने पर हुए चयन से बाहर, एकलपीठ खारिज कर चुकी है याचिका, अब दाखिल की विशेष अपील।
इलाहाबाद: टीईटी 2017 में अचयनित शिक्षामित्रों की याचिका पर सुनवाई दो अप्रैल को
🎯ओएमआर शीट में गलत प्रविष्टियां भरने पर हुए चयन से बाहर, एकलपीठ खारिज कर चुकी है याचिका, अब दाखिल की विशेष अपील।
विधि संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि टीईटी 2017 में असफल शिक्षामित्रों की याचिका को सुनवाई के लिए दो अप्रैल को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। ये ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने ओएमआर शीट में गलत प्रविष्टियां भरी थीं। एकलपीठ ने इन याचियों की याचिका बलहीन मानते हुए खारिज कर दी थी। 1यह आदेश न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता व न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने जय करन सिंह व 53 अन्य शिक्षामित्रों की विशेष अपील पर दिया है। याचियों का कहना है कि राज्य सरकार ने उन्हें सहायक अध्यापक पद पर समायोजित कर लिया था जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने सही नहीं माना। समायोजन रद करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने याचियों को टीईटी में उत्तीर्ण होने के लिए दो अवसरों की छूट दी। जिसके तहत उन्होंने टीईटी 2017 की परीक्षा दी। याचियों का कहना है कि वे सफल हैं लेकिन, ओएमआर शीट भरने में पंजीकरण संख्या, अनुक्रमांक, उत्तर पुस्तिका क्रमांक आदि भरने में त्रुटि हो गई जिसके चलते उन्हें अयोग्य करार दिया गया है। न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने लंबी सुनवाई के बाद याचिकाएं खारिज कर दी। इस पर यह विशेष अपील दाखिल की गई है। 1याचियों का कहना है कि टीईटी परीक्षा प्रतियोगी परीक्षा नहीं है। इस चयन से किसी तीसरे पक्ष का हित नहीं बनता। यह मात्र योग्यता के लिए अर्हता परीक्षा है। यदि त्रुटियों को सही करने का अवसर दिया गया तो इससे किसी तीसरे पक्ष का हित प्रभावित नहीं होगा। कहा कि छोटी सी गलती की इतनी बड़ी सजा नहीं दी जा सकती। 1विशेष अपील पर दो अप्रैल को सुनवाई होगी। मालूम हो कि टीईटी, कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पढ़ाने वाले अध्यापकों पद पर नियुक्ति के लिए पात्रता परीक्षा है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र इलाहाबाद ने परीक्षा कराई थी। 15 दिसंबर 2017 को इसका परिणाम घोषित हुआ।
इलाहाबाद: पीसीएस प्री 2017 परीक्षा का परिणाम बदलने का आदेश, प्रश्नों के गलत उत्तर का मामला, हाई कोर्ट ने दिए एक प्रश्न रद और दो का उत्तर बदलने के निर्देश
इलाहाबाद: अंतर जिला तबादलों में आधी आबादी का बोलबाला 🎯अलग से भारांक बिना शासनादेश के वेटेज से ही मिल रहा है अधिकांश को लाभ।
अंतर जिला तबादलों में आधी आबादी का बोलबाला
🎯अलग से भारांक बिना शासनादेश के वेटेज से ही मिल रहा है अधिकांश को लाभ।
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : परिषदीय स्कूल शिक्षकों के अंतर जिला तबादलों में ‘आधी आबादी’ यानि महिला शिक्षकों का बोलबाला है। बेसिक शिक्षा परिषद ने जिन शिक्षकों की सूची वेबसाइट पर अपलोड की है, उसमें महिलाओं की संख्या 84 फीसद से अधिक हैं, जबकि पुरुष शिक्षक महज 16 फीसद से भी कम हैं। ऐसे में अंतिम सूची में भी सर्वाधिक महिलाओं को ही अपने पसंदीदा जिले में जाने का मौका मिलेगा।1परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों का अंतर जिला तबादला 13 जून 2017 की नीति के तहत करने के निर्देश जारी हुए। जनवरी माह में लिए गए ऑनलाइन आवेदन में पहले उन शिक्षक-शिक्षिकाओं ने दावेदारी की जिनकी पांच वर्ष की सेवा अवधि पूरी हो चुकी है। 1पहले चरण में करीब 15 हजार आवेदन मिले। हाईकोर्ट के निर्देश पर शासन ने महिला शिक्षकों को अपने पति के निवास या ससुराल वाले जिले में जाने के लिए पांच वर्ष की सेवा अवधि से छूट देकर उनसे दूसरे चरण में आवेदन मांगे। इस दौरान कुल 37602 आवेदन परिषद को मिले।1 जिलों के बीएसए कार्यालय में काउंसिलिंग व सत्यापन में 7767 के आवेदन निरस्त कर दिए गए, शेष 29835 शिक्षकों की सूची वेबसाइट पर अपलोड की गई है। इनमें से 25086 केवल महिला शिक्षक हैं, जबकि 4749 पुरुष शिक्षकों को गुणवत्ता मिले हैं। ऐसे में तबादलों की अंतिम सूची में भी महिलाओं की ही भरमार रहेगी, क्योंकि तमाम पुरुष शिक्षकों का गुणवत्ता अंक बेहद कम है। 1वीआइपी जिलों में जाने का संकट1अंतर जिला तबादलों में रिक्त पदों के सापेक्ष आवेदन काफी कम हैं। उन शिक्षकों को पसंदीदा जिले में जाने का मौका मिलेगा, जहां पद अधिक संख्या में रिक्त हैं, वीआइपी जिलों लखनऊ, कानपुर, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, आगरा आदि के लिए दावेदारी अधिक होने से अंतिम सूची से बाहर होंगे। कई शिक्षकों ने तीन जिलों का विकल्प देने की जगह एक जिले को तीनों वरीयता दी है। जिन्होंने तीन अलग-अलग जिले दिए हैं उनकी मुराद पूरी हो सकती है। 1190 आपत्तियां निस्तारित होंगी1तबादला सूची पर अब तक परिषद को 190 आपत्तियां मिली हैं, उनमें से 140 प्रकरण को परिषद पहले ही संबंधित बीएसए व मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक को भेज चुका है, जबकि अन्य मामलों को भी भेजकर निस्तारित कराया जा रहा है। अधिकांश शिकायतें वेटेज न मिलने व आवेदन गुम होने की हैं। शिक्षिका की जन्म तारीख 1916 मामले की जांच में प्रिटिंग दोष सामने आया है। शिक्षिका की असली जन्म तारीख 2016 है, उसे दुरुस्त किया जा रहा है।
अंतर्जनपदीय तबादला : बीएसए द्वारा सत्यापित ऑनलाइन डेटा के आधार पर दिए गए गुणवत्ता अंक की सूची जारी, क्लिक कर देखें एवम डाउनलोड करें
चार वर्ष के लिए जारी हुई नई तबादला नीति, देखें मुख्य नियम
चार वर्ष के लिए जारी हुई नई तबादला नीति, देखें मुख्य नियम
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले के लिए बनाई गई नई नीति का गुरुवार को शासनादेश जारी हो गया। मुख्य सचिव राजीव कुमार ने 2018-19 से 2021-22 तक के लिए इसकी गाइड लाइन जारी की है। पिछले मंगलवार को ही कैबिनेट ने नई तबादला नीति को मंजूरी दी थी। अभी तक एक-एक वर्ष के लिए तबादला नीति जारी होती थी लेकिन, इस सरकार ने चार वर्ष के लिए नीति बनाई है। संदिग्ध सत्य निष्ठा वाले अधिकारी और कर्मचारी संवेदनशील पदों पर तैनाती नहीं पा सकेंगे।
नई तबादला नीति में एक जिले में तीन वर्ष व एक मंडल में सात साल पूरे करने वाले समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के स्थानांतरण का प्रावधान किया गया है। मंडलीय कार्यालयों व विभागाध्यक्ष कार्यालयों में की गई तैनाती की अवधि को मंडल में निर्धारित सात वर्ष की अवधि में शामिल नहीं माना जाएगा। पिछली सरकार में जहां तबादलों की सीमा अधिकतम दस प्रतिशत थी, वहीं भाजपा सरकार ने इसे बीस प्रतिशत कर दिया है।
शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि हर विभाग में स्थानांतरित अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या विभाग की सभी संख्या के 20 फीसद तक ही सीमित रखी जाएगी। यदि इससे अधिक तबादले की जरूरत पड़ी तो समूह क और ख के लिए मुख्यमंत्री तथा समूह ग और घ के लिए विभागीय मंत्री से अनुमोदन लेना होगा। समूह ग के कार्मिकों का हर तीसरे वर्ष पटल परिवर्तन होगा। जनहित में मुख्यमंत्री कभी भी किसी के तबादले का आदेश दे सकते हैं। इस नीति में कोई बदलाव मुख्यमंत्री के आदेश के बाद ही हो सकेगा।
31 मई तक पूरे करने होंगे तबादले: सरकार ने अपने पहली तबादला नीति में आंशिक संशोधन करते हुए तबादले हर हाल में 31 मई तक पूरा करना प्रस्तावित किया है। पहले यह 30 जून थी।
अंग्रेजी माध्यम अध्यापकों के सम्बंध में आदेश जारी, स्कूलों से हटेंगे अचयनित शिक्षक
अंग्रेजी माध्यम अध्यापकों के सम्बंध में आदेश जारी, स्कूलों से हटेंगे अचयनित शिक्षक
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : अंग्रेजी माध्यम से संचालित होने वाले परिषदीय प्राथमिक स्कूलों से उन शिक्षकों को हटाया जाएगा, जिनका चयन इन विशेष विद्यालयों के लिए नहीं हो सका है। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नए शिक्षकों की तैनाती और अचयनित शिक्षकों को हटाने के संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा ने निर्देश जारी कर दिए हैं। अब उसी के अनुरूप जिलों में जल्द समायोजन होगा।
नया शैक्षिक सत्र दो अप्रैल से शुरू हो रहा है। प्रदेश सरकार ने परिषद के करीब 5000 विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में स्कूलों व शिक्षकों के चयन करने को पांच जनवरी को आदेश जारी हुए थे। जिलों के हर विकासखंड में ग्रामीण व नगर क्षेत्र में पांच-पांच स्कूल चिह्न्ति हुए हैं। इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों से आवेदन लेकर परीक्षा व इंटरव्यू के जरिए चयन किया गया। अब स्कूल संचालन के संबंध में निर्देश जारी हुए हैं। परिषद सचिव ने बीएसए को भेजे आदेश में कहा है कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में उन शिक्षकों को तैनात रहने दिया जाए, जिन्हें चयनित किया गया है। उस स्कूल के अचयनित शिक्षकों से विकल्प लेकर वरिष्ठता के आधार पर जिन स्कूलों में पद रिक्त हैं वहां समायोजित किया जाए।
अंतर जिला तबादलों में 7767 शिक्षकों के आवेदन निरस्त 29835 शिक्षकों के गुणवत्ता अंक वेबसाइट पर अपलोड अधिकतम 45 व न्यूनतम शून्य अंक तक मिले इस भारांक से बनी मेरिट पर कुल रिक्तियों के 25 फीसद तक तबादले होंगे।
अंतर जिला तबादलों में 7767 शिक्षकों के आवेदन निरस्त
29835 शिक्षकों के गुणवत्ता अंक वेबसाइट पर अपलोड
अधिकतम 45 व न्यूनतम शून्य अंक तक मिले
इस भारांक से बनी मेरिट पर कुल रिक्तियों के 25 फीसद तक तबादले होंगे।
दावेदारी खत्म
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : अंतर जिला तबादलों के लिए प्रदेश भर के 7767 शिक्षकों के आवेदन निरस्त हो गए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने काउंसिलिंग में इन शिक्षकों के आवेदन को सही नहीं पाया। तमाम ऐसे शिक्षक हैं जिनकी सेवा अवधि पांच वर्ष नहीं हुई फिर भी वह आवेदन करने में सफल रहे। कई शिक्षकों ने अपनी बीमारी का की जगह परिजन और रिश्तेदारों की बीमारी को आधार बनाया था। बड़ी संख्या में अपूर्ण आवेदन करने वालों भी पहले ही बाहर कर दिए गए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 37602 शिक्षकों ने अंतर जिला तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। काउंसिलिंग के बाद बीएसए ने 7767 शिक्षकों की दावेदारी ही खत्म कर दी है। अब केवल 29835 शिक्षक ही बचे हैं, प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 40766 और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक व प्रधानाध्यापकों के 6719 रिक्त पदों पर तबादले हो सकते हैं। परिषद ने यह सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। शिक्षक आठ अप्रैल तक आपत्तियां अपने जिले के बीएसए कार्यालय में दे सकते हैं। शिक्षकों को अधिकतम 45 और न्यूनतम शून्य अंक तक मिले हैं।
सैनिक व दंपती को भारांक नहीं : तबादलों में शासन ने सैनिकों की पत्नियों व विवाहित शिक्षिकाओं को स्थानांतरण में केवल पांच वर्ष की सेवा अवधि से छूट देकर आवेदन करने का मौका दिया है लेकिन, उन्हें कोई अलग से भारांक नहीं मिला है। यदि सैनिकों की पत्नियों व अन्य विवाहित शिक्षिकाओं के गुणवत्ता अंक बेहतर होंगे, तभी तबादला होगा। साथ ही जारी सूची में सैनिक पत्नियों का अलग से उल्लेख भी नहीं किया गया है, क्योंकि शासनादेश में पति-पत्नी को एक ही जिले में रखने का निर्देश है लेकिन, सेना केंद्रीय सेवा होने से जिक्र तक नहीं किया गया। ऐसे ही पति-पत्नी के केस में भी किसी तरह का भारांक नहीं मिला है। विभाग दोनों को एक ही जिले में भेजने की तैयारी जरूर कर रहा है।
सिर्फ इन्हें मिला भारांक
महिला - 5 अंक सेवा अवधि - अधिकतम 35
असाध्य रोग - 5 अंक (स्वयं, पति या पत्नी और सिर्फ बच्चे। माता-पिता इसमें शामिल नहीं। किडनी, हृदय, कैंसर और लीवर रोग को ही असाध्य माना गया है। वह भी सीएमओ का प्रमाणपत्र होने पर)
दिव्यांग - 5 अंक
नोट : इस भारांक से बनी मेरिट पर कुल रिक्तियों के 25 फीसद तक तबादले होंगे।
29835 शिक्षकों के गुणवत्ता अंक वेबसाइट पर अपलोड
अधिकतम 45 व न्यूनतम शून्य अंक तक मिले
इलाहाबाद : शिक्षकों को चयन वेतनमान जल्द दे विभाग
शिक्षकों को चयन वेतनमान जल्द दे विभाग
जासं, इलाहाबाद : राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, इलाहाबाद इकाई की प्राथमिक संवर्ग की बैठक गुरुवार को ज्वालादेवी इंटर कॉलेज में हुई। इसमें जिलाध्यक्ष कामतानाथ ने कहा कि विभाग शिक्षकों का चयन वेतनमान नहीं दे रहा है। हीलाहवाली की जा रही है। यदि जल्द निर्णय नहीं हुआ तो आंदोलन होगा। उन्होंने मांग की कि ब्लाकों के संकुल प्रभारियों के चयन में नियमों की अनदेखी न की जाए। संघ पारदर्शी ढंग से नियुक्ति की मांग करता है। महासंघ ने प्राथमिक विद्यालय सातनपुर बहरिया के अध्यापक बनवारी लाल पर अराजक तत्वों द्वारा जनलेवा हमला की कड़ी निंदा की भी की। संचालन जिला महामंत्री राम आसरे सिंह ने किया। उपाध्यक्ष सुतीक्ष्ण त्रिपाठी, महामंत्री राम आसरे सिंह, संगठन मंत्री डॉ.जाह्न्वी जोशी, संयुक्त मंत्री उमाशंकर मिश्र, कुसुम मिश्र, संहर्ष चित्रंशी आदि वक्ताओं में शामिल थे।
डीएलएड शिक्षकों का हो रहा गोरखधंधा उजागर
डीएलएड शिक्षकों का हो रहा गोरखधंधा उजागर
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : डीएलएड (पूर्व बीटीसी) कालेजों में शिक्षकों को आधार से लिंक कराने का आदेश कारगर रहा है। जो शिक्षक प्रदेश के कई कालेजों के अभिलेखों में दर्ज रहे हैं, उनका गोरखधंधा उजागर हो इसके पहले ही शिक्षकों के नाम का संशोधन कराने के आवेदन मिलना शुरू हो गए हैं। साथ ही एनसीटीई ने निजी कालेजों को मान्यता देने व मान्यता का नवीनीकरण कराने में आधार को अनिवार्य किया है। इससे नए कालेजों में हेराफेरी पर अंकुश लग चुका है।
सूबे में पिछले वर्षो में निजी डीएलएड कालेज बड़ी संख्या में खुले हैं। पिछले शैक्षिक सत्र के दौरान इन कालेजों की तादाद 2818 रही है, जहां अभ्यर्थियों की 50-50 सीटें हैं। शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि टीईटी व डीएलएड सेमेस्टर परीक्षा का परिणाम गिरने पर शासन व वरिष्ठ अफसरों ने निजी कालेजों के पठन-पाठन पर गौर किया तो उन्हें सूचनाएं मिली कि कालेजों के पास योग्य शिक्षक ही नहीं हैं। जो गिने-चुने शिक्षक हैं, वह कई-कई कालेजों के अभिलेखों में दर्ज हैं। पढ़ाई न होने से परीक्षा का परिणाम गिरता जा रहा है। इस पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षकों को आधार से लिंक कराने के निर्देश काफी पहले हुए थे। शुरुआत में कालेज संचालक दबी जुबान इसका विरोध करते रहे, क्योंकि वह जानते थे कि ऐसा होने पर गोरखधंधा उजागर हो जाएगा। इसी बीच राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानि एनसीटीई ने भी नई कालेज की मान्यता और पुराने कालेजों के नवीनीकरण में आधार नंबर को अनिवार्य कर दिया। यही नहीं परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने भी डायट प्राचार्यो को कई पत्र भेजे कि वह अपने जिलों में कालेज शिक्षकों को आधार नंबर से जुड़वाएं। सख्ती होने पर कालेज संचालकों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में शिक्षकों के नाम संशोधन के प्रस्ताव भेजना शुरू कर दिया है। अब तक दर्जनों कालेजों के आवेदन मिल चुके हैं। ऐसे में आगे की पढ़ाई अब बेहतर होने की उम्मीद जगी है। अफसरों का कहना है कि नई व्यवस्था में कालेजों में पढ़ाई का माहौल बनेगा, क्योंकि पुराने कालेज पटरी पर आ रहे हैं और नए कालेजों को पहले ही सही से प्रक्रिया पूरी करनी पड़ रही है।
अंग्रेजी माध्यम से परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण हेतु अध्यापकों की तैनाती एवम कार्यरत शिक्षकों को विद्यालय आवंटित किए जाने के सम्बंध में निर्देश जारी
रायबरेली: वार्षिकोत्सव में एंजिला-डे के नन्हें मुन्नों ने मचाया धमाल। 🎯नर्सरी के नन्हें मुन्नों बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया "इत्ती सी हँसी, इत्ती सी खुशी" के संगीत की धुन पर खूबसूरत डाँस, जिसको आये हुए अतिथियों ने खूब सराहा।
वार्षिकोत्सव में एंजिला-डे के नन्हें मुन्नों ने मचाया धमाल।
🎯नर्सरी के नन्हें मुन्नों बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया "इत्ती सी हँसी, इत्ती सी खुशी" के संगीत की धुन पर खूबसूरत डाँस, जिसको आये हुए अतिथियों ने खूब सराहा।
रायबरेली। तहसील लालगंज के आचार्य नगर में स्थित एन्जिला डे पब्लिक स्कूल में बुधवार को संस्था के प्रांगण में ही स्कूल का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान नन्हें मुन्नों बच्चों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि चेयरमैन रामबाबू गुप्ता ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत गणेश वन्दना से हुई तत्पश्चात माँ सरस्वती वंदना भी हुई। सरस्वती वन्दना के बाद नर्सरी क्लास के बच्चों अविका पाण्डेय, अनन्या सिंह, आयुषी, अंशुमा, अनन्या यादव, अवनी सिंह आदि बच्चों द्वारा "इत्ती सी हँसी, इत्ती सी खुशी" के संगीत की धुन पर खूबसूरत डाँस प्रस्तुत किया गया। नर्सरी के बच्चों द्वारा प्रस्तुत डांस को कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों ने खूब सराहा। जिसको नर्सरी की क्लास टीचर नीतू सिंह के द्वारा बच्चों को सिखाया गया था। कार्यक्रम में सभी क्लास के बच्चों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि चेयरमैन रामबाबू गुप्ता ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों के अन्दर छिपी प्रतिभा निखर कर सामने आती है। प्रत्येक स्कूलों में इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होते रहना चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबन्धक पंकज श्रीवास्तव, विद्यालय की प्रधानाचार्या मन्जुलता सिंह, वरिष्ठ पत्रकार धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय एवम् अवनीन्द्र पाण्डेय, उमाशंकर गुप्ता, प्रदेश प्रवक्ता एवम् प्रदेश मीडिया प्रभारी देश दीपक पाण्डेय एवम् स्कूल की शिक्षक एवम् शिक्षिकाओं में एस0के0 श्रीवास्तव, बाजपेई सर, मनीषा सिंह, प्रतिभा सिंह, नीतू सिंह, आभा सिंह समेत बच्चों के अभिभावक एवम् कस्बे के सैकड़ों सम्मानित लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन स्कूल की शिक्षिका हेमा जी ने किया। एन्जिला-डे पब्लिक स्कूल के प्रबन्धक पंकज कुमार श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों का स्वागत सम्मान कर धन्यवाद ज्ञापित किया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के जूनियर हाईस्कूलों में कार्यरत शिक्षा अनुदेशकों के मानदेय पर दो महीने में निर्णय लेने का सचिव बेसिक शिक्षा को निर्देश दिया,अनुदेशकों को 17000 प्रतिमाह के बजाय 8750 रुपये ही दिए जा रहा
शिक्षकों के मानदेय पर दो माह में लें निर्णय
विसं, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के जूनियर हाईस्कूलों में कार्यरत शिक्षा अनुदेशकों के मानदेय पर दो महीने में निर्णय लेने का सचिव बेसिक शिक्षा को निर्देश दिया है। याचिका में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार मानदेय निर्धारित करने की मांग की गई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने आशुतोष शुक्ल की याचिका निस्तारित करते हुए दिया है। शिक्षा अनुदेशकों को 17000 प्रतिमाह के बजाय 8750 रुपये ही दिए जा रहे हैं। याची का कहना है कि इस संबंध में सचिव को प्रत्यावेदन दिया गया है, जिसे सरकार तय नहीं कर रही है। इस पर कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा को निर्देश दिया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति करने के आदेश जारी
परिषदीय शिक्षकों की पदोन्नति का आदेश
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति करने के आदेश जारी हुए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को यह कार्य एक माह में पूरा करना है। इसमें अंतर जिला तबादलों के लिए घोषित पदों पर कोई पदोन्नति नहीं होगी। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने सभी बीएसए को इस संबंध में निर्देश भेज दिया है।
प्रदेश के सभी परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत सहायक अध्यापकों की पदोन्नति करने का निर्देश हुआ है। सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि परिषद के प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की वास्तविक रिक्तियों में से उन पदों पर पदोन्नति नहीं होगी, जिनके पद अंतर जिला तबादले में विज्ञापित हुए हैं। शेष पदों पर पदोन्नति एक माह में पूरी करके परिषद मुख्यालय को अवगत कराना है। ज्ञात हो कि अंतर जिला तबादलों में 47485 पद रिक्त घोषित हुए हैं। इसमें 40766 प्राथमिक स्कूलों के सहायक अध्यापक हैं। इन पदों पर कोई पदोन्नति नहीं होगी।