किस काम का यह "5 करोड़ का स्कूल,राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जियामऊ में इस सत्र से शुरू होनी थीं कक्षाएं
•नौ महीने बाद भी न शिक्षक नियुक्त किए गए न मिले फर्नीचर
निदेशालय को भेजी गई थी 400 से ज्यादा स्टूडेंट्स की लिस्ट, नहीं शुरू हो सकी पढ़ाई
दो साल बाद भी
अधूरा निर्माण
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सैरपुर के भवन निर्माण के लिए शासन की ओर से 437.25 लाख रुपये का बजट दिया गया। दिसंबर 2014 में इसका निर्माण शुरू हो गया। जुलाई 2016 तक कार्यदायी संस्था को इसे पूरा करना था, लेकिन अब तक निर्माण कार्य अधूरा है।
कैसे हो विदेशी भाषा की पढ़ाई
स्कूल खोलने की पहल हुई और बिल्डिंग तक बन गई यह अच्छी बात है। लेकिन चंद अफसरों की लापरवाही से यह अच्छी कोशिश भी बेकार साबित हो रही है। जिम्मेदारों को जल्द से जल्द शिक्षकों की तैनाती करनी चाहिए ताकि बच्चों को इसका फायदा मिल सके।
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जियामऊ को हैंडओवर किया जा चुका है, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से कॉलेज का संचालन नहीं शुरू हो सका है। अगले सत्र में इसे शुरू करवा दिया जाएगा।
- डॉ. मुकेश कुमार सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक, लखनऊ
बजट मिला न शिक्षक
•एनबीटी, लखनऊ : इस सत्र से आठ सरकारी स्कूलों में 9वीं और 10वीं क्लास के बच्चों को विदेशी लैंग्वेज पढ़ाने की योजना कागजों में सिमट गई है। चार महीने बाद भी स्कूलों को बच्चों को पढ़ाने के लिए बजट मिला है न ही कोई शिक्षक नियुक्त किया गया है, जबकि दो अगस्त को चयनित बच्चों की सूची उप्र माध्यमिक शिक्षा अभियान निदेशालय को भेजी गई थी। इस मामले में डीआईओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने राज्य परियोजना निदेशक को पत्र लिखा है।
उप्र माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत बीते अगस्त में सरकारी माध्यमिक स्कूलों में 9वीं, 10वीं के बच्चों को विदेशी लैंग्वेज पढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसमें प्रत्येक स्कूल में फ्रेंच, जापानी, जर्मन और स्पेनिश लैंग्वेज में से किन्हीं दो का चयन करना था। राजधानी में आठ सरकारी स्कूलों के करीब 400 बच्चों ने अपनी मनपसंद लैंग्वेज को चुना। सूची दो अगस्त को परियोजना निदेशालय को भेज दी गई, लेकिन फाइल कागजों तक सीमित रह गई।
यहां होनी थी पढ़ाई : जीजीआईसी गोमतीनगर, जीजीआईसी सिंगार नगर, जीजीआईसी मलिहाबाद, जीजीआईसी सरोसा-भरोसा, राजकीय वीरांगना ऊदादेवी बालिका विद्यालय माल, राजकीय उत्तर प्रदेश सैनिक कॉलेज, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहाड़पुर, राजकीय हाईस्कूल जुग्गौर।
•एनबीटी, लखनऊ : मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद करोड़ों रुपये की लागत से तैयार जीजीआईसी जियामऊ का भवन अब तक शोपीस बना हुआ है। अप्रैल-2018 से कॉलेज में कक्षाएं संचालित की जानी थीं, लेकिन शासन की ओर से नौ महीने बाद भी शिक्षक नियुक्त किए गए हैं न ही फर्नीचर मिला है। नतीजन, आठ महीने से कॉलेज में ताला लगा हुआ है।
राज्य सरकार ने लड़कियों की शिक्षा के लिए साल 2012 से 2017 के बीच राजधानी के अलग-अलग पांच इलाकों में सरकारी इंटर कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इनमें राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जियामऊ और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सैरपुर चिनहट भी शामिल है। प्रत्येक स्कूल के भवन निर्माण के लिए अलग-अलग बजट तय किया था। बीते अप्रैल से यहां कक्षा 6 से 12 तक पढ़ाई भी होनी थी, लेकिन दावे सिर्फ कागजों तक सीमित रह गए। 4 करोड़ 78 लाख 28 हजार रुपये की लागत से बने इस कॉलेज के क्लासरूम और बरामदे धूल-मिट्टी से भरे हैं।
शिक्षकों की भर्ती नहीं, धूल फांक रहे क्लासरूम
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